Tulsidas Quotes, Dohe, Poems and Biography. Tulsidas Ke Dohe In Hindi. Heart-Touching Poems by Tulsidas, Tulsidas Hindi Quotes
तुलसीदास के दोहे
Biography
Tulsidas, also known as Goswami Tulsidas, was a Hindu Vaishnava saint and poet, renowned for his devotion to the deity Rama.
Died: 1623, Assi Ghat, Varanasi
Full name: Goswami Tulsidas
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा आदि
विषय सगुण भक्ति
Ramcharitmanas, Vinaya Patrika, Geetawali, Dohavali, Sahitya Ratna, Hanuman Chalisa, Vairagya Sandipani, Janaki Mangal, Parvati Mangal, and others
Tulsidas Motivational & Inspirational Quotes In Hindi Good Positive & Encouragement Thought.
Tulsidas Daily Motivation, Uplifting and Inspiration Saying
Tulsidas Ji Ke Dohe With Meaning in Hindi
Tulsidas ke Dohe in Hindi
जिन्ह कें अति मति सहज न आई।ते सठ कत हठि करत मिताई।
कुपथ निवारि सुपंथ चलावा ।गुन प्रगटै अबगुनन्हि दुरावा।
अर्थ : जिनके स्वभाव में इस प्रकार की बुद्धि न हो वे मूर्ख केवल हठ करके हीं किसी से मित्रता करते हैं।सच्चा मित्र गलत रास्ते पर जाने से रोक कर अच्छे रास्ते पर चलाते हैं और अवगुण छिपाकर केवल गुणों को प्रकट करते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सेवक सठ नृप कृपन कुमारी।कपटी मित्र सूल सम चारी।
सखा सोच त्यागहुॅ मोरें।सब बिधि घटब काज मैं तोरे।
अर्थ : मूर्ख सेवक कंजूस राजा कुलटा स्त्री एवं कपटी मित्र सब शूल समान कश्टदेने बाले होते हैं।मित्र पर सब चिन्ता छोड़ देने परभी वह सब प्रकार से काम आते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
आगें कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई।
जाकर चित अहिगत सम भाई।अस कुमित्र परिहरेहि भलाई।
अर्थ :जो सामने बना बना कर मीठा बोलता है और पीछे मन में बुराई रखता है तथाजिसका मन साॅप की चाल समान टेढा है ऐसे खराब मित्र को त्यागने में हीं भलाई है।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सुख हरसहिं जड़ दुख विलखाहीं।दोउ सम धीर धरहिं मन माहीं।
धीरज धरहुं विवेक विचारी।छाड़िअ सोच सकल हितकारी।
अर्थ : मूर्ख सुख के समय खुश और दुख की घड़ी में रोते विलखते हैं लेकिन धीरब्यक्ति दोनों समय में मन में समान रहते हैं। विवेकी ब्यक्ति धीरज रखकर शोक का परित्याग करते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सोचिअ गृही जो मोहवस करइ करम पथ त्याग
सोचिअ जती प्रपंच रत विगत विवेक विराग।
अर्थ : उस गृहस्थ का भी सोच करना चाहिये जिसने मोहवश अपने कर्म को छोड़ दिया है।उस सन्यासी का भी दुख करना चाहिये जो सांसारिक जंजाल में फॅसकर ज्ञान वैराग्य से विरक्त हो गया है।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सब विधि सोचिअ पर अपकारी।निज तनु पोसक निरदय भारी।
सोचनीय सबहीं विधि सोई।जो न छाड़ि छलु हरि जन होई।
अर्थ :जो दूसरोंका अहित करता है-केवल अपने शरीर का भरण पोशण करता हैऔर अन्य लोगों के लिये निर्दयी है-जो सब छल कपट छोड़कर भगवान का भक्त नहीं है-उनका तो सब प्रकार से दुख करना चाहिये।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
बड अधिकार दच्छ जब पावा।अति अभिमानु हृदय तब आबा।
नहि कोउ अस जनमा जग माहीं।प्रभुता पाई जाहि मद नाहीं।
अर्थ : जब दक्ष को प्रजापति का अधिकार मिला तो उसके मन में अत्यधिक घमंड आ गया।संसार में ऐसा किसी ने जन्म नही लिया जिसे अधिकार पाकर घमंड नही हुआ हो।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सूर समर करनी करहि कहि न जनावहिं आपू
विद्यमान रन पाई रिपु कायर कथहिं प्रतापु।
अर्थ : बीर युद्ध में बीरता का कार्य करते हैं।कहकर नहीं जनाते हैं।शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर कायर हीं अपने प्रताप की डींग हाॅकते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
बंदउ गुरू पद पदुम परागा।सुरूचि सुवास सरस अनुरागा।
अमिय मूरिमय चूरन चारू।समन सकल भव रूज परिवारू।
अर्थ : गुरू के पैरों की धूल सुन्दर स्वाद और सुगंध वाले अनुराग रस से पूर्ण है।वह संजीवनी औशध का चूर्ण है।यह संसार के समस्त रोगों का नाशक है।मै उस चरण धूल की वंदना करता हूॅ।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
कबीर हरि सो हेत कर, कोरै चित ना लाये
बंधियो बारि खटीक के, ता पशु केतिक आये।
अर्थ : कबीर कहते है की प्रभु से प्रेम करो। अपने चित्त में कूड़ा कचरा मत भरों। एक पशु कसाई के द्वार पर बांध दिया गया है-समझो उसकी आयु कितनी शेष बची है।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
कागा काय छिपाय के, कियो हंस का भेश
चलो हंस घर आपने, लेहु धनी का देश।
अर्थ : कौये ने अपने शरीर को छिपा कर हंस का वेश धारण कर लिया है।
ऐ हंसो-अपने घर चलो। परमात्मा के स्थान का शरण लो। वही तुम्हारा मोक्ष होगा।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
मूक होई बाचाल पंगु चढई गिरिवर गहन
जासु कृपा सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन।
अर्थ : ईश्वर कृपा से गूंगा अत्यधिक बोलने बाला और लंगडा भी उॅचे दुर्गम पहाड पर चढने लायक हो जाता है। ईश्वर कलियुग के समस्त पापों विकारों को नश्ट करने वाला परम दयावान है।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सो केवल भगतन हित लागी।परम कृपाल प्रनत अनुरागी।
जेहि जन पर ममता अति छोहू।जेहि करूना करि कीन्ह न कोहू।
अर्थ : प्रभु भक्तों के लिये हीं सब लीला करते हैं। वे परम कृपालु और भक्त के प्रेमी हैं। भक्त पर उनकी ममता रहती है।वे केवल करूणा करते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सकल कामना हीन जे राम भगति रस लीन
नाम सुप्रेम पियुश हृद तिन्हहुॅ किए मन मीन।
अर्थ : जो सभी इच्छाओं को छोड कर राम भक्ति के रस मेंलीन होकर राम नाम प्रेम के सरोवर में अपने मन को मछली के रूप में रहते हैं और एक क्षण भी अलग नही रहना चाहते -वही सच्चा भक्त है।वे किसी पर क्रोध नही करते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
तेहिं ते कहहिं संत श्रुति टेरें।परम अकिंचन प्रिय हरि केरें।
अर्थ : संत और वेद पुकार कर कहते हैं कि अत्यधिक घमंड रहित माया मोह और
Tulsidas ke Dohe in Hindi
सूर समर करनी करहि कहि न जनावहिं आपू
विद्यमान रन पाई रिपु कायर कथहिं प्रतापु।
अर्थ : बीर युद्ध में बीरता का कार्य करते हैं।कहकर नहीं जनाते हैं।
शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर कायर हीं अपने प्रताप की डींग हाॅकते हैं।मान प्रतिश्ठा को त्याग देने बाले हीं ईश्वर को प्रिय होते हैं।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
साधु चरित सुभ चरित कपासू।निरस विशद गुनमय फल जासू।
जो सहि दुख परछिद्र दुरावा।वंदनीय जेहि जग जस पावा।
अर्थ : संत का चरित्र कपास की भांति उज्जवल है लेकिन उसका फल नीरस विस्तृत और गुणकारी होता है। संत स्वयं दुख सहकर अन्य के दोशों को ढकता है।इसी कारण संसार में उन्हें यश प्राप्त होता है।
Tulsidas ke Dohe in Hindi
गुरू पद रज मृदु मंजुल अंजन।नयन अमिअ दृग दोश विभंजन।
तेहि करि विमल विवेक बिलोचन।बरनउॅ राम चरित भव मोचन।
अर्थ : गुरू के पैरों की धूल कोमल और अंजन समान है जो आॅखों के दोशों कोदूर करता है। उस अंजन से प्राप्त विवेक से संसार के समस्त बंधन को दूर कर राम के चरित्र का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
Tulsidas Ke Dohe in Hindi
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